हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, असम सहित भारत के अधिकतर हिस्सों में मंगलवार को भी मानसून सक्रिय रहा। मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक ऐसी ही स्थिति बनी रहने का अनुमान जताया है। वहीं, उत्तराखंड में भी भारी बारिश का दौर जारी रहा। राज्य के सात पर्वतीय जिलों में बुधवार को भारी बारिश की संभावना है। वहीं, राज्य की 59 सड़कें बंद रहीं।
मौसम विभाग की ओर से नैनीताल, चम्पावत, टिहरी, पौड़ी, देहरादून, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। साथ ही संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन की संभावना जताई है। मानसून की बारिश के साथ ही सड़कों के बंद होने का सिलसिला शुरू हो गया है। बारिश से सर्वाधिक सड़कें ग्रामीण क्षेत्रों की प्रभावित हो रही हैं।
आगे ऐसा रहेगा मौसम…
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, दक्षिण पश्चिम मानसून लगभग पूरे देश में समय से पहले पहुंच गया है। पंजाब व हरियाणा के शेष भागों और राजस्थान के ज्यादातर हिस्सों तक अगले दो दिन में मानसून पहुंच जाएगा। आईएमडी ने बताया कि अगले पांच दिनों के दौरान पश्चिम उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड में ज्यादातर हिस्सों में हल्की से मध्यम और कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है। हिमाचल प्रदेश में 29 जून तक, पूर्वी उत्तर प्रदेश में 29 जून से 1 जुलाई तक, 29-30 जून को पूर्वी राजस्थान में, 28-29 जून को उत्तराखंड के कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
नैनीताल में बारिश के चलते नैनीताल-किलबरी मार्ग पर राजकीय पालीटेक्निक के पास हुए भूस्खलन से सड़क का 20 मीटर से अधिक हिस्सा दरक गया। इससे सड़क पर भारी वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है। भूस्खलन के चलते सूखाताल क्षेत्र से जाने वाली पेयजल लाइन भी धराशाई हो गई और शेरवानी, बलरामपुर हाउस, ओकपार्क और हाईकोर्ट क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति ठप हो गई है। अधिकारियों ने मौका मुआयना कर सड़क के क्षतिग्रस्त हिस्से को पाॅलीथिन से कवर करवा दिया है।