नई संसद भवन के उद्घाटन पर सुप्रीम कोर्ट दायर जनहित याचिका (PLI) खारिज हो गई है। दायर याचिका में नई संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों कराए जाने की मांग की गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि ऐसी याचिकाओं पर सुनवाई करना सुप्रीम कोर्ट का काम नहीं है। शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि शुक्र मनाइए कि आप पर जुर्माना नहीं लगा रहे। जस्टिस जेके महेश्वरी और पीएस नरसिम्हा की पीठ ने याचिकाकर्ता से इस पीएलआई दायर करने का कारण पूछा। जिसपर याचिकाकर्ता सी आर जया सुकिन ने आर्टिकल 79 की जिक्र किया। लेकिन जजों द्वारा इसका मतलब पूछे जाने पर वो कोई ठोस जवाब नहीं दे सके।
शुक्रवार को संसद भवन के उद्घाटन वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान जस्टिस माहेश्वरी ने कहा- काफी देर तक बहस के बाद याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी गई है। उन्होंने सॉलिसिटर जनरल से पूछा- मिस्टर SG, आपको कोई समस्या?
जस्टिस माहेश्वरी के सवाल पर SG मेहता ने कहा- याचिका वापस लेने का मतलब है कि वह हाईकोर्ट जाएंगे और बहस करेंगे। एसजी ने कहा कि अदालत को कहना चाहिए कि इन मामलों में बहस ही नहीं करनी है। इसके बाद
याचिकाकर्ता एडवोकेट जया सुकिन ने पिटिशन वापस ले ली।