Monday, May 13, 2024
Homeसम्पादकीयश्रद्धा सुमन : मंगलेश डबराल

श्रद्धा सुमन : मंगलेश डबराल

सम्पादकीय : नई दिल्ली

एक छोटा सा हिस्सा… वह हीरा, जिसे हमने वक्त से बहुत पहले खो दिया है, लेकिन जिसकी चौंध हम आज भी महसूस कर रहे हैं. 9 दिसबर 2020 को चर्चित और आदरणीय साहित्यकार मंगलेश डबराल हम सबको छोड़कर चले गए… अपने पीछे छोड़ गए हैं वे कुछ अनूठी रचनाएं जो जेहन में लगातार गूंज रही हैं… हम भूल ही नहीं पा रहे एक शानदार पत्रकार और एक संवेदनशील कवि को… उनके सरल सहज व्यक्तित्व और कविताओं पर पिछले कुछ दिनों में बहुत कुछ कहा और लिखा जा चुका है, लेकिन हर बार कुछ न कुछ अनकहा रह ही जाता है..

मंगलेश डबराल का जन्म सन 1948 में टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड के कापफलपानी गाँव में हुआ और शिक्षा-दीक्षा हुई देहरादून में। दिल्ली आकर हदी पेट्रियट, प्रतिपक्ष और आसपास में काम करने के बाद में भोपाल में भारत भवन से प्रकाशित होने वाले पूर्वग्रह में सहायक संपादक हुए। इलाहाबाद और लखनउ से प्रकाशित अमृत प्रभात में भी कुछ दिन नौकरी की। सन् 1983 में जनसत्ता अखबार में साहित्य संपादक का पद सँभाला। कुछ समय सहारा समय में संपादन कार्य करने के बाद आजकल वे नेशनल बुक ट्रस्ट से जुड़े हैं। मंगलेश डबराल के चार कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं- पहाड़ पर लालटेन / मंगलेश डबराल घर का रास्ता / मंगलेश डबरालहम जो देखते हैं / मंगलेश डबराल और आवाज भी एक जगह है / मंगलेश डबराल । साहित्य अकादेमी पुरस्कार, पहल सम्मान से सम्मानित मंगलेश जी की ख्याति अनुवादक के रूप में भी था ।

मंगलेश जी की कविताओं में भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त अंगे्रशी, रूसी, जर्मन, स्पानी, पोल्स्की और बल्गारी भाषाओं में भी अनुवाद प्रकाशित हो चुवेफ हैं। कविता के अतिरिक्त वे साहित्य, सिनेमा, संचार माध्यम और संस्कृति के सवालों पर नियमित लेखन भी करते हैं। मंगलेश जी कविताओं में सामंती बोध एव पूँजीवादी छल-छद्म दोनों का प्रतिकार है।

वे यह प्रतिकार किसी शोर-शराबे के साथ नहीं बल्कि प्रतिपक्ष में एक सुंदर सपना रचकर करते हैं। उनका सौंदर्यबोध सूक्ष्म है और भाषा पारदर्शी।

एक और साल खत्म होने को है और एक और साल आने को है.. हम आने वाले समय में आपसे बांटेगे कुछ और खूबसूरत रचनाएं, कुछ और संवेदनशील लेकिन संजीदा व्याख्यान… जल्द ही आपसे फिर मुलाकात होगी, एक नए विषय और जरूरी जानकारियों के साथ.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments