भाद्रपद पूर्णिमा के दिन पितृ पक्ष की शुरुआत होला पर पितर धरती पर आवे ने और सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण कर उनके धरती से विदा करल जाला . इ अमावस्या के साथे पितृ पक्ष समाप्त हो जाला और अगले दिन से शारदीय नवरात्र लग जाला . सर्व पितृ अमावस्या के दिने ज्ञात और अज्ञात पितरन के श्राद्ध करे के भी परंपरा बा .
अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि के सर्व पितृ अमावस्या कहल जाला .ई अमावस्या हर साल सितंबर या अक्टूबर के महीना में आती है. इस बार सर्व पितृ अमावस्या 28 सितंबर को पड़ल बा .
सर्व पितृ अमावस्या तिथि और श्राद्ध कर्म मुहूर्त
सर्वपितृ अमावस्या तिथि: 28 सितंबर 2019
अमावस्या तिथि आरंभ: 28 सितंबर 2019 को सुबह 03 बजकर 46 मिनट से
अमावस्या तिथि समाप्त: 28 सितंबर 2019 को रात 11 बजकर 56 मिनट तक
कुतुप मुहूर्त: 28 सितंबर 2019 को सुबह 11 बजकर 48 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक
रोहिण मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 35 से दोपहर 01 बजकर 23 मिनट तक
अपराह्न काल: दोपहर 01 बजकर 23 मिनट से दोपहर 03 बजकर 45 मिनट तक
सर्व पितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध करने की विधि
– सर्व पितृ अमावस्या के दिन सुबह-सवेरे उठकर स्नान करिके स्वच्छ वस्त्र पहिन ले .
– ओकरा बाद गायत्री मंत्र के जाप करते हुए सूर्य देव के अर्घ्य दें.
– श्राद्ध के दिन आपन सामर्थ्य के अनुसार अच्छा खाना बनाएं.
– आप जे व्यक्ति के श्राद्ध कर रहिल बानी उनकर पसंद के मुताबिक खाना बनाई .
– खाना में लहसुन-प्याज न डालें .
– इ मानल जाला कि कि श्राद्ध के दिन स्मरण करे से पितर घर आवे ने और भोजन पाकर तृप्त हो जाने .
– शास्त्रन के अनुसार पांच ग्रास निकालल जाला : गाय , कुत्ता , कौवा , देव,चींटी. श्राद्ध के दौरान इन सबहीं के खाना खिलायल जाला .
– तर्पण और पिंड दान करे के बाद पुरोहित या ब्राह्मण के भोजन करा के दक्षिणा दिहल जाला .
– ब्राह्मण के सीधा (दान) भी दिया दिहल जाला . सीधा में चावल, दाल, चीनी, नमक, मसाले, कच्ची सब्जियां, तेल और मौसमी फल रहेला .
– ब्राह्मण भोज के बाद पितरोन के धन्यवाद देकर जाने-अनजाने भइल भूल के लिए माफी माँगल जाला .
– एकरा बाद पूरा परिवार के साथ बैठकर भोजन करें के चाहीं .
– संध्या के समय दो, पांच या 16 दिया जेतना आप से हो सके जलावल जाला .