सोमवार को छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं ने उदयीमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देते हुए आस्था के महापर्व छठ का समापन हुआ। अब छठ व्रती प्रसाद के साथ उपवास तोड़ेंगी। लोगों के बीच ठेकुआ सहित अन्य प्रसाद का वितरण किया । देश के विभिन्न जलाशयों में पौ फटने से पहले ही छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया था। हल्की ठंड के बीच गाजे-बाजे के साथ लोग जलाशयों के पास इकट्ठा होने लगे थे। जैसे ही सूरज की पहली लालिमा आकाश में दिखाई पड़ी लोगों ने अर्घ्य दिया। कोरोना महामारी की वजह से पूरे 2 साल बाद इतने हर्षोल्लास के साथ छठ पर्व मनाया गया।
ऐसे में प्रशासन ने पानी की गहराई को चिन्हित करके बैरिकेडिंग की थी ताकि कोई अप्रिय घटना ना हो। यही नहीं! जलाशयों में एसडीआरएफ के जवानों को भी बोट के साथ तैनात किया गया था। कहीं से किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की जानकारी नहीं है। बता दें कि कोरोना महामारी की वजह से बीते 2 साल से छठ का आयोजन धूमधाम से नहीं किया जा सका था। लोगों ने किसी तरह घरों में छठ मनाया था लेकिन इस बार पूरे हर्षोल्लास के साथ छठ पर्व मनाया गया।