भोजपुरी लाइव : वाराणसी (संजय तिवारी )
अपने ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Coridor) के लोकार्पण कर दिहले बाने. अब श्रद्धालु गंगा में स्नान कर और गंगाजल लेकर सीधे मंदिर में प्रवेश कर बाबा विश्वनाथ को जलाभिषेक कर सकेलें . उनके तंग गलियन से होकर ना गुजरे के पड़ी. कॉरिडोर में अब गंगा तट से लेकर मंदिर के गर्भगृह तक सब मंदिर परिसर के ही हिस्सा होई. ‘भव्य काशी, दिव्य काशी’ के तहत इस कॉरिडोर के 32 महीना के अंदर विकसित करल गइल बा.
लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने काशी विश्वानाथ मंदिर के विस्तारीकरण और जीर्णोद्धार खातिर काशी विश्वानाथ कॉरिडोर के शिलान्यास 8 मार्च, 2019 के कइले रहने. वर्तमान समय में इ कॉरिडोर के निर्माण कार्य पूरा करे में 2600 मजदूर और 300 इंजीनियरों लगातार तीन शिफ्टों में काम करत बाने. इ प्रोजेक्ट के लागत 900 करोड़ रुपये बा.
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की खासियतें:
5.25 लाख वर्ग फीट में बने काशी विश्वनाथ धाम यानी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में छोटी बड़ी 23 इमारतें और 27 मंदिर बाने. पूरा कॉरिडोर लगभग 50 हजार वर्ग मीटर के व्यापक परिसर में फैलल बा.
कॉरिडोर के दो भागों में बांटल गइल बा. मंदिर के मुख्य परिसर के लाल बलुआ पत्थर द्वारा बनाइल गइल बा. एमे 4 बड़े-बड़े गेट लगाइल गइल बा. एकरा चारों तरफ एक प्रदक्षिणा पथ बनाइल गइल बा. उस प्रदक्षिणा पथ पर संगमरमर के 22 शिलालेख लगाइल गइल बा, जे पर काशी महिमा के वर्णन बा.
22 शिलालेखन में भगवान विश्वनाथ से संबंधित स्तुतियां बा. मंदिर के द्वार के दूसरी तरफ 24 भवनों के एक बड़ा परिसर बा, जेकरा मुख्य दरवाजा गंगा नदी की ओर ललिता घाट पर बा.
इस परिसर में 24 भवन बनाइल गइल बा, जेमे मुख्य मंदिर परिसर, मंदिर चौक, मुमुक्षु भवन, सिटी गैलरी, जलपान केंद्र, मल्टीपरपज हॉल, यात्री सुविधा केंद्र, इत्यादि शामिल बा. इस परिसर में वाराणसी गैलरी काफी महत्वपूर्ण बा.