Thursday, May 2, 2024
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योगी सरकार यूपी में सुसाइड रोके के खातिर कईलस विशेष प्लानिंग

मानसिक स्वास्थ्य के बेहतरी और आत्महत्या के प्रवृत्ति रोके के यूपी में विशेष अभियान चली। ऐके जान है तो जहान है, नाम दिहल गईल बा। विभिन्न कारणों से अवसादग्रस्त होकर आपन जीवन लीला समाप्त करे के कोशिश करे वाला के इ अभियान के जरिए जिंदगी के महत्व समझावल जाई। ऐसे लोगन के चिन्हित करे, उनकर काउंसलिंग, हेल्पलाइन के जरिए उनके मदद देवे सहित तमाम काम कईल जाई।

केवल पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज आंकड़ों पर नजर डालल जाओ त बीते पांच साल में देश में आत्महत्या करे के प्रवृत्ति बढ़ल बा। वर्ष 2019 में 139123 के मुकाबले 2020 में 153052 लोग आत्महत्या कईले बा। केंद्र सरकार मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या के बढ़ते आंकड़ों के लेकर चिंतित बा। हालांकि यूपी के रिकार्ड देश के बाकी तमाम बड़े राज्यों के तुलना में बहुत बेहतर बा। इधर, यूपी अपने यहां हालात के और बेहतर करने के खातिर कदम बढ़ा दिहले बा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद के निर्देश पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में आगरा से एकर शुरुआत कईल गईल।

मानसिक स्वास्थ्य संस्थान आगरा के निदेशक के अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनावल गईल बा। ऐमें डिप्टी सीएमओ व एनसीडी के नोडल अधिकारी डा. पीयूष जैन के कन्वीनर, एसएन मेडिकल कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग के प्रमुख प्रोफेसर विशाल सिन्हा, वरिष्ठ मनोविज्ञान चिकित्सक डा. एसपी गुप्ता और आगरा कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग के हैड डा. रचना सिंह के सदस्य बनावल गईल बा।

समाज के मदद से समिति करी रोकथाम के प्रयास
यह समिति समाज के विभिन्न वर्गों के प्रमुखजनों के इ अभियान के साथ जोड़ी। लोगों और खासकर युवा वर्ग के बीच बढ़ती आत्महत्या के मानसिकता के हेल्पलाइन के जरिए रोके के साथ ही उनके जीये के खातिर प्रेरित कईल जाई। शहरी और ग्रामीण इलाकों में विभिन्न वर्गों के लोगों द्वारा मानसिक रोगों के पहचान और ओकर निदान के खातिर वालंटियर्स के प्रशिक्षित कईल जाई। खासतौर से स्कूल-कॉलेजों में ऐके लेकर अभियान चली। वहां शिक्षकों के ऐसे बच्चों के चिन्हित करे और उनकर काउंसलिंग के खातिर तैयार कईल जाई।

यूपी में सिर्फ तीन फीसदी मामला
आत्महत्या के मामले में यूपी के आंकड़े अन्य राज्यों के तुलना में काफी अच्छे बा। ईहा आत्महत्या करे वालों के संख्या बहुत कम बा। वर्ष 2020 के एनसीआरबी के आंकड़ों के आधार मानें त सबसे बड़ा प्रदेश होखे के बावजूद देश में होखे वाली कुल आत्महत्याओं में से यूपी में ऐसे मामले सिर्फ 3.1 फीसदी बा। जबकि कुल आत्महत्याओं में महाराष्ट्र के हिस्सेदारी 13 फीसदी, तमिलनाडु के 11 फीसदी, मध्य प्रदेश के 9.5 फीसदी, पश्चिम बंगाल में 8.6 फीसदी, कर्नाटक में 08 फीसदी, केरल में 5.6 फीसदी और तेलंगाना व गुजरात में 5.3 फीसदी बा।

यूपी में कानपुर में आत्महत्या के मामला अधिक
राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़े देखल जाओ त वर्ष 2020 में यूपी के कानपुर में आत्महत्या के सबसे ज्यादा मामले दर्ज भईल। इ संख्या 417 रहल। इ मामले में लखनऊ दूसरे नंबर पर रहे। ईहा आत्महत्या के 383 मामले सामने आईल। 115 मामलों के साथ आगरा तीसरे नंबर पर रहे।

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