न्यूज़ डेस्क : उत्तर प्रदेश
भारत सरकार खेती किसानी के आगे बढ़ावे खातिर आवे वाला पांच साल में 5000 करोड़ रुपया खर्च करी । एकरा खातिर किसानन के एगो कंपनी यानी किसान उत्पादक संगठन (FPO-Farmer Producer Organisation) बनावे के पड़ी । सरकार 10,000 नए किसान उत्पादक संगठन बनावे के मंजूरी देहले बिया ।
एकर शुरुवात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूपी के चित्रकूट से कर दिहले बाने । अगला 5 साल में ए पर 5000 करोड़ रुपया खर्च होई । रजिस्ट्रेशन कंपनी एक्ट में ही एही से उ सारा फायदा मिली जो एगो कंपनी के मिलेला ।
किसानन के का होइ फायदा:
किसान उत्पादक संगठन ( एफपीओ) छोट किसानन के एक समूह होई , जेसे जुड़ल किसानन के न सिर्फ आपन पैदावार के नीक बाजार मिली साथे खाद, बीज, दवाइयों और कृषि उपकरण भी खरीदल आसान होई । एकरा साथ बिचौलियन से आजादी भी मिली ।
कैसे एफपीओ बनाकर लिहल जा नया नियम के फायदा :
(1) अगर संगठन मैदानी क्षेत्र में काम कत बा त कम से कम 300 किसान ओसे जुड़े होवे के चाहीं । मतलब एक बोर्ड मेंबर पे कम से कम 30 लोग सामान्य सदस्य बनल हों । इ पहिले 1000 रहल ।
(2) पहाड़ी क्षेत्र में एक कंपनी के साथ 100 किसानन के जुड़ल जरूरी बा । साथे उनके संगठन के फायदा मिल रहल हो।
(3) नाबार्ड कंस्ल्टेंसी सर्विसेज संगठन के काम देखकर रेटिंग दी , ओकरा आधार पर ही ग्रांट मिली ।
(4) बिजनेस प्लान देखल जाई कि संगठन कौन कौन किसानन के फायदा दिहले बा । उ किसानन के पैदावार के बाजार मुहैया करवा पावत बा कि ना ।
(5)संगठन के काम काज और ढांचा कइसन बा । बोर्ड ऑफ डायरेक्टर कागजी बाने या या काम करत बाने ।
(6) अगर कोई संगठन अपना से जुड़ल किसानन के जरूरत के चीजें जैसे बीज, खाद और दवाईयों आदि की सामूहिक खरीदारी करत बा त ओकर रेटिंग नीक हो सकेला ।
ज्यादा जानकारी खातिर भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के वेबसाइट पे जानकारी दिहल बा ।