आज देश भर में महिला लोग अपने सुहाग के खातिर करवाचौथ के व्रत रखिहें। धर्मसिंधु, निर्णयसिंधु, वृतराज में करवाचौथ के व्रत के वर्णन हवे। कउनो भी हठयोग कईला पर भगवन सुनले। करवाचौथ के उपवास बेहद महत्वपूर्ण हवे। एह दिन महिला निर्जला व्रत अपने पति खातिर रखेलीं अउर रात में चांद देखला के बाद आपन व्रत तोड़ेलीं। हिन्दू धर्म में ए त्योहार के खास महत्व हवे। मान्यता हवे कि अगर सुहागिन एह दिन स्त्रियां उपवास रखें तब उनके पति के उम्र लंबी हो जाई। अउर उनकर गृहस्थ जीवन सुखी रही।
विधि अउर समय –
सुबह 06:23 बजे से व्रत के मुहूर्त शुरू हो चुकल बा। शाम 07:16 बजे तक व्रत चली पूजा के समय शाम 05:50 बजे से 07:05 बजे के बीच रही। 08:16 के करीब चंद्र उदय होइ। उगते हुए चंद्रमा के देखले के बाद अर्घ्य दी। अर्घ्य के बाद परिवार पूजा करें. पूजा के बाद व्रत खोलीं। व्रत खोलले के समय जीवनसाथी मौजूद रहें. आज दान ना कर पायीं तब कल जरूर करीं