तरुणा कस्बा, भोजपुरी लाइव, नई दिल्ली
एटा के वीरांगना अवंतीबाई लोधी स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज में शनिवार को बुखार पीड़ित चार साल की बच्ची ऑक्सीजन के अभाव में डेढ़ घंटे तड़पती रही।
पहले मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की पाइपलाइन में लगा बॉल्व धोखा दे गया। बाद में आगरा ले जाने के लिए दो एंबुलेंस में ऑक्सीजन नहीं मिली। तीसरी एंबुलेंस आने पर उसे आगरा भेजा गया, लेकिन यह देरी बच्ची की मौत की वजह बन गई। रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। बच्ची की मौत से परिवार में कोहराम मच गया।
थाना निधौली कलां क्षेत्र के गांव नगला फकीर निवासी मुकेश कुमार की चार वर्षीय बेटी मन्नू बुखार से पीड़ित थी। शनिवार की सुबह करीब छह बजे उसे उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया। यहां चिकित्सकों ने बुखार और निमोनिया बताया। सीनियर रेजीडेंट की अनुपस्थिति में जूनियर रेजीडेंट डॉ. शिवम ने बीमार बच्ची का उपचार शुरू किया।
इलाज के दौरान अचानक बच्ची के मुंह से छाग आने लगा। इस पर दोपहर करीब एक बजे उसको मेडिकल कॉलेज में बेड नंबर आठ पर पाइपलाइन से ऑक्सीजन लगा दी गई, लेकिन लाइन का बॉल्व खराब होने की वजह से बच्ची को ऑक्सीजन नहीं मिली।
डेढ़ घंटे बाद दूसरे बेड पर लिटाया गया, तब ऑक्सीजन मिल सकी। इसके बाद उसे रेफर कर दिया गया। आगरा ले जाने के लिए 108 एंबुलेंस पहुंची। इसमें ऑक्सीजन नहीं थी। फोन कर दूसरी एंबुलेंस बुलाई गई। इसमें भी वही स्थिति थी।
तीसरे एंबुलेंस पहुंचने पर 3.33 बजे उसे आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के लिए भेजा गया, लेकिन वहां पहुंचते-पहुंचते उसकी मौत हो गई। चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। एंबुलेंस नोडल अधिकारी डॉ. सतीश नागर ने बताया कि एंबुलेंस में ऑक्सीजन नहीं पाई गई है तो मामला गंभीर है। जांच कराकर कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा।
मृतक बच्ची के भाई अखिलेश कुमार ने बताया कि बहन को बुखार आने पर सुबह करीब छह बजे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था। इसके बाद तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं मिली। दो एंबुलेंस भी बिना ऑक्सीजन के ही आकर खड़ी हो गई थीं।