Monday, May 20, 2024
Homeसमाचार विश्लेषणरैली ऑफ होप-7 के मंच से मिला संदेश, बेहतर दुनिया के लिए...

रैली ऑफ होप-7 के मंच से मिला संदेश, बेहतर दुनिया के लिए शांति जरूरी

न्यूज़ डेस्क , नई दिल्ली :  दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में 12 सितंबर 2021 को सातवीं रैली ऑफ होप का आयोजन किया गया। इस आयोजन में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आंबे के अलावा विश्व की कई जानीमानी हस्तियां शामिल हुई।   

इस मौके पर आठ मौजूदा और पूर्व राष्ट्राध्यक्षों ने कोरियाई प्रायद्वीप में शांति की बहाली के लिए डॉ. हाक जा हान मून और उनके स्वर्गीय पति के प्रयासों से स्थापित यूनीवर्सल पीस फेडरेशन की पहल और कोशिशों की सराहना की। इन नेताओं ने अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञो की टीम थिक टैंक 2022 के गठन पर भी अपनी संस्तुति दी। संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बान की मून,  थिंक टैंक 2022 के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे।

एक अनुमान के अनुसार रैली ऑफ होप-7 की पहुंच 194 देशों के 500 मिलियन श्रोताओं तक बन गई। इस आयोजन को दुनिया के 450 राष्ट्रीय टीवी स्टेशनों और इंटरनेट प्लेटफॉर्म से सजीव प्रसारित किया गया। रैली ऑफ होप -7 की थीम थी, एशिया में शांति की तरफ बढ़ते कदम विशेषकर कोरियाई प्रायद्वीप में सुलह और सहयोग की कोशिशें।

इस मौके पर पहले वक्ता के रूप मे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ने कहा कि, शांति की बहाली के लिए मौका देना वास्तव में एक साहसिक कार्य है। उन्होंने कहा कि अपने लोगों को एक बेहतर दुनिया देने के लिए विश्व के नेताओं को आपसी संवाद में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए। ट्रंप ने थिक टैंक 2022 की नई वैश्विक पहल के लिए डॉ. मून का आभार प्रकट किया।

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि, दुनिया इस समय मुश्किल हालात से गुजर रही है और लोग ये तय करने में जुटे हैं कि सर्वसत्तात्मक या लोकतांत्रिक कौन सी व्यवस्था उनके लिए बेहतर है। उन्होंने कहा कि मानव संबंधों में जोरजबरदस्ती की कोई गुंजाइश नहीं होती और लोगों के पारस्परिक संबंध आजादी और लोकतंत्र पर आंधारित होने चाहिए। उन्होंने इस मौके पर दो बार इस बात का जिक्र किया कि ताइवान स्ट्रेट में शांति और स्थिरता होनी चाहिए और उसे आजाद और सबके लिए खुला होना चाहिए।

फिलीपींस की पूर्व राष्ट्रपति ग्लोरिया मैकापगल आरोयो ने कहा एशिया में महाश्क्तियों के बीच प्रतिद्वंदिता पिछले कुछ वर्षों में ज्यादा दिखाई दे रही है और इससे हालात विस्फोटक बन गए हैं।

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने इस मौके पर अंतर्राष्ट्रीय भाईचारा और शांति की संस्कृति के विकास के लिए यूनीवर्सल पीस फेडरेशन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कंबोडिया के एशिया विज़न इंस्टीट्यूट के सहयोग से ग्लोबल फोरम थिंक टैंक 2022 की स्थापना पर खुशी जताई।  

कंबोडिया के प्रधानमंत्री हून सेन ने इस मौके पर अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए दुनिया को आगाह किया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के हालात ने कंबोडिया में 1975 में खमेर रूज के कब्जे की याद दिला दी जब देश में 1975 से 1979 के बीच 15 से 20 लाख लोगों का कत्ल कर दिया गया जो कि पूरे कंबोडिया की एक चौथाई आबादी हुआ करती है।

हून सेन ने इस साल के अंत में होने वाली कोरियाई प्रायद्वीप शांति समिट की अध्यक्षता करने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। ये समिट 30 साल पहले प्योंगयांग में फादर और मदर मून की किम सुंग के साथ ऐतिहासिक मुलाकात की तिथि पर आयोजित की जा रही है।  

इस मौके पर मदर मून ने अंत में अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप से एक ऐसी संस्कृति का एशिया और विश्व में विस्तार होना चाहिए जो परस्पर निर्भऱता के साथ पारस्परिक समृद्धि और अंतर्राष्ट्रीय मूल्यों पर आधारित हो।  

इस मौके पर यूरोपीय कमीशन के अध्यक्ष जोस मैनुएल बारोसो (2004- 2014), सर्बिया गणराज्य के राष्ट्रपति नतासा मिकिक (2002-2004) और कंबोडिया की राष्ट्रीय असेंबली के उपाध्यक्ष और एशियाई सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष खुओन सुदारी ने भी संबोधित किया।       

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments