भोजपुरी लाइव लखनऊ डेस्क – गुरुवार के उत्तर प्रदेश लॉ कमीशन धर्मांतरण के लेकर एगो रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार के सौपले बा . कहल जातबा की धर्मांतरण की गाइडलाइन के लेकर इ रिपोर्ट बनाएल गइल बा . इ रिपोर्ट में बताइल गइल बा कि धर्मांतरण खातिर नियम कायदे का होवे के चाहीं . सरकार के सूत्रन के मानलजा त लॉ कमीशन समय-समय पर आपन रिपोर्ट सरकार के देला और इहो वइसने एगो रिपोर्ट बा .
इ रिपोर्ट के नाम “यूपी फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट” बा . इ एक्ट के मानल जा त इ कहत बा कि एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन कराये खातिर अगर कहु आदमी कउनो भी तरह के लालच, जबरदस्ती, ताक़त के इस्तेमाल करेला या फिर धर्म परिवर्तन खातिर बहलावत -फुसलावत या उकसावत पाइल जाई त उ दंड के भागी होई .
कउनो तरह के पैसे का लालच, पद का लालच, नौकरी का लालच, स्कूलों या शिक्षण संस्थानों में दाखिले का लालच भी धर्मांतरण के नए नियम में आई . एकरा साथे शादी खातिर गलत नियत से धर्म परिवर्तन या धर्म परिवर्तन खातिर भइल शादी भी नया नियम में धर्मांतरण कानून के तहत आई . अगर केहु आदमी कहु के धर्म परिवर्तन करे खातिर मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना दी त इहो नया कानून के अंदर आई .
अगर धर्मांतरित भइल आदमी तुरत्ते वापस अपने पहिला धरम में वापस लौट आई त इ धर्मांतरण के दायरे में ना आई , लॉ कमीशन के इ नया ड्राफ्ट में कड़ा कानून के सिफारिश कइल गईल बा . धर्मांतरण के मामले में अगर मां, पिता, भाई, बहन, पति, पत्नी या गोद लिहल बच्चा अथवा ब्लड रिलेशन से कउनो शिकायत करेला त उनकर शिकायत पर कार्रवाई करल जा सकेला .
लॉ कमीशन अपना सिफारिश में धर्मांतरण के लिए दोषी पाए जाये पर 1 साल से लेकर 5 साल तक के सजा के प्रावधान कइले बा .