संसद का मॉनसून सत्र अब समाप्ति की ओर बढ़ चला है, लेकिन शुरुआत से ही सदन की कार्यवाही हर दिन हंगामे की भेंट चढ़ जाती रही। हालांकि आज संसद का नजारा थोड़ा अलग नजर आया क्योंकि आज सदन में OBCआरक्षण बिल पर विपक्ष भी सरकार के साथ आया। हालाँकि विपक्ष के इस कदम की जानकारी पहले से ही थी, क्योंकि विपक्ष कतई यह नहीं चाहता कि उसके हंगामे के कारण यह बिल पेश न हो। क्यूंकि वो कहते हैं न की “वोट का मामला है दिलवर, पत्थर रखे है इस दिल पर” दिखाना भी हो है की हमें दलितों से बहुत प्यार है। आपको वो दौर भी याद होगा की जब UPA सरकार के खिलाफ में बोलना यानि दलितों के खिलाफ में बोलना। आज जब सदन में OBCआरक्षण बिल पेस हुआ तो दलितों का असली हमदर्द बनाने का मौका कोई कैसे गवा सकता है।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बिल पेश होने के बाद कहा कि सदन की एक जिम्मेदार पार्टी होने के नाते हम अपनी जिम्मेदारी जानते हैं। इसके लिए सभी विपक्षी दलों ने फैसला लिया है कि आरक्षण से जुड़े 127 वें संविधान संशोधन बिल को हमारा समर्थन है। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह बहुमत के बाहुबली हैं इन्होंने हमारी बात नहीं सुनी। चौधरी ने कहा कि इससे पहले जब 102वां संविधान संशोधन लाया गया था तो हमने कहा था कि प्रदेशों के अधिकारों का हनन नहीं किया जाए। हम लोगों ने सरकार को सचेत किया था। आज जब हिंदुस्तान के आम लोग, अन्य पिछड़ा वर्ग के लेागों ने आंदोलन किया तो उनके डर से सरकार को यह विधेयक लाना पड़ा। इस दौरान सदन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी उपस्थित थीं।
वहीं इस बिल को पेश करने से पहले कांग्रेस समेत 15 प्रमुख विपक्षी दलों ने इस पर चर्चा की। आज हुई इस बैठक में फैसला हुआ कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीासी) से संबंधित संशोधन विधेयक को पारित कराने में पूरा समर्थन देंगे। बैठक के बाद राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, इस संशोधन विधेयक का हम सभी समर्थन करेंगे।