श्रमिकों के खातिर अच्छी खबर बा। पैसे के अभाव में उनकर बच्चा के पढ़ाई ना छूटी। एकरी खातिर केहू के सामने हाथ भी ना फैलावे के पड़ीं। बल्कि योगी सरकार उनकर साथ खड़ा होई। स्नातक स्तर के सामान्य पढ़ाई से लेकर राजकीय कॉलेजों से इंजीनियरिंग और मेडिकल के पढ़ाई के खर्च भी सरकार उठाई।
श्रम विभाग के ओर से हाल में मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद के समक्ष दिहल गईल प्रजेंटेशन में 100 दिन से लेकर पांच साल के बीच कईल गईल कार्यों के खाका पेश कईल गईल। एमे निर्माण क्षेत्र के पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों के स्नातक स्तर तक के शिक्षा मुफ्त दिहल जाई के बात कहल गईल बा। इ प्रस्ताव पर छह महीने में अमल करे के बा। ई होखे पर एकर लाभ करीब डेढ़ करोड़ पंजीकृत श्रमिकों के परिवार के मिल सकी। भाजपा विधानसभा चुनाव से पूर्व जारी लोक कल्याण संकल्प पत्र में एकर वादा कईले रहे।
निर्माण क्षेत्र के पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों के शिक्षा के खातिर अभी भी सरकार मदद कर रहल बा। ओहनी के साइकिल, छात्रवृत्ति के साथ ही फीस के प्रतिपूर्ति भी कईल जात बा। ओकरी खातिर कई स्लैब बनावल गईल बा। साधारण ग्रेजुएशन करे के दशा में 12 हजार तक और मेडिकल व इंजीनियरिंग में जरूरत के हिसाब से एक लाख तक दिहल जता बा। सूत्रों के मानल जाओ त अब अलग-अलग स्लैबों के बढ़ावे के तैयारी बा। यदि कौनो कोर्स में एक लाख से अधिक फीस रही त ओकर वास्तविक प्रतिपूर्ति कईल जाई।