बुधवार के ए गो याचिका के सुनवाई करत समय जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस तलवंत सिंह कहने कि दिल्ली पुलिस भड़काऊ भाषण देने वाले बीजेपी नेतावन के कहें ना गिरफतार कइलस .
इ मामले में हर्ष मंदर की तरफ़ से कॉलिन गॉनज़ाल्विस पेश भइने जबकि केंद्र सरकार की तरफ़ से सॉलिसिटरसमय जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर आचार्य और दिल्ली सरकार की तरफ़ से वकील राहुल मेहरा आपन बात रखने .
जस्टिस मुरलीधर कहने कि , ”उचित समय? शहर जल रहा है. जब आपके पास भड़काऊ भाषणों के कई क्लिप हैं, तो आप किसका इंतज़ार कर रहे हैं? आप एफ़आईआर क्यों नहीं दर्ज कर रहे हैं. जब एसजी ख़ुद कह रहे हैं कि ये वीडियो भड़काऊ हैं, तो आप एफ़आईआर दर्ज क्यों नहीं कर रहे हैं? पूरा देश इस सवाल को पूछ रहा है.”
दिल्ली हाई कोर्ट अदालत में मौजूद दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर प्रवीण रंजन से कहने कि वो जाकर अपने कमिश्नर के बता दिहें कि अदालत बहुत नाराज़ बिया .
हाई कोर्ट कहलस कि बीजेपी के तीन नेताओं अनुराग ठाकुर, परवेश वर्मा और कपिल मिश्रा पर एफ़आईआर दर्ज होवे के चाहि. कोर्ट कहलस कि केवल उन्हीं नेताओं के ख़िलाफ़ नहीं बल्कि भड़काऊ भाषण देने वाले अन्य वीडियो के आधार पर भी एफ़आईआर दर्ज करल जाए. अदालत कहलस कि पुलिस इस मामले में गुरुवार को बताए कि उ इ मामला में का कार्रवाई कइले बिया .