Sunday, May 5, 2024
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68 साल बाद एयर इंडिया के घर वापसी

न्यूज़ डेस्क : नई दिल्ली/ पीयूष धर द्विवेदी


कर्ज में फंसी एयर इंडिया के बेचे के सरकार के कोशिश आखिरकार कामयाब हो गइल । सरकार एयर इंडिया खातिर बोली के विजेता के ऐलान कर दिहलस । एयर इंडिया के कमान अब टाटा ग्रुप ही संभाली । टाटा , एयर इंडिया खातिर 18,000 करोड़ रुपए के बोली लगइलस । एही के साथ सबसे बड़ी बोली लगाकर टाटा ग्रुप एक बार फिर एयर इंडिया के कमान आपन हाथ में ले लिहलस ।

डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट यानी दीपम (Department of Investment and Public Asset Management- DIPAM) प्रेस काॅन्फ्रेंस करके एकर जानकारी दिहलस ।
DIPM के सेक्रेटरी तुहीन कांत कहने कि Air Indiaखातिर टाटा ग्रुप 18,000 करोड़ रुपए की बोली लगाले रहल । एयर इंडिया पर 15300 करोड़ रुपए के कर्ज टाटा चुकाई। एयर इंडिया पर 31 अगस्त तक 61,560 करोड़ रुपए का कर्ज रहल । एमे से 15300 करोड़ रुपए टाटा संस चुकाई जबकि बाकी के 46,262 करोड़ रुपए AIAHL (Air India asset holding company) भरी।

दीपम के सचिव तुहिन कांत पांडेय बोलने कि एयर इंडिया स्पेसिफिक अल्टरनेटिव मैकेनिज्म (AISAM) पैनल एयर इंडिया के फाइनेंशियल बोली पर फैसला लिहलस । इ पैनल में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई महत्वपूर्ण मंत्री और अधिकारी शामिल बाने । कई बार बोली खातिर आवेदन मांगल गइल लेकिन फाइनली सितंबर में दू बिडर के नाम फाइनल भइल ।

एयर इंडिया के सभी कर्मचारियन के ध्यान रखल जाई । उन पर एकर असर ना होई। एअर इंडिया खातिर टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट के अजय सिंह बोली लगाइले रहने । हाल ही में ब्लूमबर्ग आपन रिपोर्ट में कहले रहल कि एअर इंडिया खातिर पैनल टाटा ग्रुप के चुनले बा । बता दें कि जेआरडी टाटा 1932 में टाटा एयरलाइंस के स्थापना कइले रहने । अब 68 साल बाद वापस एयर इंडिया के टाटा ग्रुप सबसे अधिक बोली लगाकर खरीद लिहले बा ।टाटा समूह के जे.आर.डी. टाटा एकर फाउंडर रहने । उ खुद पायलट रहने , तब एकर नाम टाटा एयर सर्विस रखल गइल रहल । 1938 तक कंपनी आपन घरेलू उड़ानें शुरू कर दिहले रहल । दूसरे विश्व युद्ध के बाद एके सरकारी कंपनी बना दिहल गइल । आजादी के बाद सरकार एमे 49 पर्सेंट हिस्सेदारी ले लिहलस ।

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