सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या केस के 40वें दिन के सुनवाई में रामलला विराजमान के सीएस वैद्यनाथन अपने जिरह में कहले कि पैग़ंबर मोहम्मद कहले कि केहू के मस्ज़िद ओहि ज़मीन पर बनावे के चाहि जेहपर ओकर मालिक होवे। सुन्नी वक्फ बोर्ड जगह पर मालिकाना हक साबित कईला में नाकाम रहल अउर सिर्फ नमाज़ पढ़ले के आधार पर बना कर ज़मीन देवे गईले के मांग करत बा। अयोध्या मामले में पहीले याचिकाकर्ता रहे स्वर्गीय गोपाल सिंह विशारद के तरफ से वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार कहले कि इमारत में मूर्ति रखले के केस अभिराम दास पर दर्ज भईल रहे। पुजारी अभिराम ही रहले। वह निर्वाणी अखाड़ा रहले। सेवादार भईले के निर्मोही अखाड़ा का दावा गलत बा।
एक वकील अतिरिक्त समय मांगले। एह पर CJI स्पष्ट कई दिहले की आज शाम 5 बजे अयोध्या मामले के सुनवाई खत्म हो जाई। एक वकील एह मामले में हस्तक्षेप के अपील कईले तब CJI अपील खारिज कई दिहले। एही तरह सुन्नी वक्फ़ बोर्ड के अपील वापस लिहले के मामले में कोर्ट में कउनो चर्चा ना होइ।