Sunday, April 28, 2024
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गुजर गइलें चिपको आंदोलन के प्रेरणास्रोत श्री सुंदरलाल बहुगुणा

न्यूज़ डेस्क: उत्तराखंड (देहरादून )

जाने माने पर्यावरणविद और समाज कार्यकर्ता सुंदर लाल बहुगुणा के ऋषिकेश एम्स में निधन हो गइल । उ कोरोना से पीड़ित रहने और उनके एम्स में भर्ती कराइल गइल रहल । सुंदर लाल बहुगुणा 94 वर्ष के रहने । उनके परिवार में पत्नी विमला,  दो पुत्र और एक पुत्री बाने । सुंदर लाल बहुगुणा के एक पुत्र राजीव नयन बहुगुणा पेशे से पत्रकार बाने और पर्यावरण संरक्षण आंदोलन के सक्रिय कार्यकर्ता रहेलें ।

ऋषिकेश एम्स प्रशासन बताइलस कि कोरोना वायरस से संक्रमित होवे के बाद बहुमुणा के आठ मई के एम्स में भर्ती कराइल गइल रहल । ऑक्सीजन स्तर कम होवे के कारण उनकर स्थिति गंभीर बनल रहे । डॉक्टरों के पूरा कोशिश के बाद भी उनके बचावल नहीं जा सकल । एम्स के निदेशक रविकांत बताइले कि सुंदर लाल बहुगुणा शुक्रवार के दिन में 12:05 बजे अंतिम सांस लिहलें ।

नौ जनवरी 1927 के उत्तराखंड के टिहरी ज़िले में जन्मे सुंदरलाल बहुगुणा के चिपको आंदोलन के प्रणेता मानल जाला । उ 70 के दशक में गौरा देवी तथा कई अन्य लोगन के साथ मिलकर जंगल बचावे खातिर चिपको आंदोलन की शुरुआत कइले रहने । पद्मविभूषण तथा कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित बहुगुणा टिहरी बांध निर्माण के भी जम कर विरोध कइले रहने और 84 दिन लंबा अनशन भी रखले रहने ।

वैचारिक रूप से गांधीवाद से प्रेरित रहे सुंदर लाल बहुगुणा हिमालय और पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता फैलावे खातिर कई बार पदयात्राएं कइने । उ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कट्टर विरोधी रहने । टिहरी बांध के निर्माण के आखिरी चरण तक उनका विरोध जारी रहल । बताइल जात बा कि उनकर आपना घर भी टिहरी बांध के जलाशय में डूब गइल रहे । टिहरी राजशाही का भी उ कड़ा विरोध कइने जेके खातिर उन्हें जेल भी जाये के पड़ल । प्रकृति प्रेमी सुंदर लाल बहुगुणा हिमालय में पर्यटन के बढ़ावा देवे के नाम पर होटलों और लग्जरी रिज़ॉर्ट के बनावे के मुखर विरोधी रहने । उनकर कहना रहल कि ए तरह की पहल से हिमालय और नदियन के अविरल धारा प्रभावित होई और पर्यावरण के नुकसान पहुंची ।  

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