न्यूज़ डेस्क : पटना
bihar चुनाव में सभी राजनीतिक पार्टियां समाज के अलग अलग वर्ग के लुभावे खातिर प्रयास करत बानी . विपक्षी महागठबंधन की अगुवाई कर रहल तेजस्वी यादव जहां पिता लालू यादव के परंपरागत वोट बैंक मुस्लिम और यादव के साथै नीतीश कुमार के परंपरागत वोट बैंक अति पिछड़ी जाति के लोगन में सेंधमारी करत बाने त , उहें नीतीश राजद के मुस्लिम और यादव
समीकरण में सेंधमारी की कोशिशों में लगल बाने .
- बेरोजगारी
- स्वस्थ्य
तेजस्वी भाजपा के वोट बैंक में सेंधमारी के कोशिश करत बाने . तेजस्वी की कोशिश बा कि उ मुस्लिम और यादव के अलावा एक नया वोट बैंक भी तैयार करें .
एही कोशिश में राजद 144 सीटन में से 24 सीट पर अति पिछड़ी जाति और एक दर्जन सीट पर उच्च जाति के उम्मीदवारन के टिकट दिहले बिया . पिछले चुनाव में राजद अति पिछड़ी जाति के 4 और उच्च जाति के 2 उम्मीदवारन के ही टिकट दिहले रहल . राजद 30 महिलाओं के भी टिकट दिहले बिया .
नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू पार्टी इ इस बार 19 अति पिछड़ी जाति, 15 कुशवाहा और 12 कुर्मी उम्मीदवारों के टिकट दिहले बिया . नीतीश कुमार 17 अनुसूचित जाति , 11 मुस्लिम और 18 यादव लोगन के भी चुनावी टिकट दिहले बाने .
बिहार में अति पिछड़ी जाति के मतदाता लोगन के हिस्सा 26 फीसदी बा . एमे लोहार, कहार, सुनार, कुम्हार, ततवा, बढ़ई, केवट, मलाह, धानुक, माली, नोनी आदि जातियां आवे लीं . पिछला चुनावों में इ अलग-अलग दलों के वोट करत रहलें लेकिन 2005 के बाद से इ लोगन के वोट नीतीश के साथ रहल . अब तेजस्वी एके तोड़े के कोशिश में जुटल बाने . 2014 और 2019 के चुनावों में इस समूह के झुकाव बीजेपी के तरफ रहल .
राज्य में दलितन के वोट परसेंट 16 फीसदी बा . एमे पांच फीसदी के करीब पासवान बाने बाकी महादलित जातियां (पासी, रविदास, धोबी, चमार, राजवंशी, मुसहर, डोम आदि) आवेलि, जिनकर करीब 11 फीसदी वोट बैंक बा , पासवान लोगन के छोड़कर अधिकांश महादलित जातियन के झुकाव भी 2010 के बाद से जेडीयू की तरफ रहल .
राज्य में 15 फीसदी वोट बैंक उच्च जातियों (भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण और कायस्थ) के बा . भाजपा और कांग्रेस के नजर सवर्णों पर रहल लेकिन पहली बार राजद भी एमे सेंधमारी के कोशिश कइले बा और दर्जन भर टिकट उच्च जाति के उम्मीदवारन को दिहले बा .