Thursday, May 9, 2024
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जानी कईसे बनेला कोरोना वैक्सीन, कवन वैक्सीन बा केतना कारगर

कोविशील्ड

कोविशील्ड के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी अउर एस्ट्राजेनेका मिलके तैयार कइले बा अउर एकरे उत्पादन के लिए भारत में एके पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बना रहल बा। इ एक तरह के सौदा बा जेमे प्रति वैक्सीन के आधी कीमत ऑक्सफ़ोर्ड के पास जाला। कोविशील्ड दुनिया के सबसे लोकप्रिय वैक्सीन में से बा कहें की कई देश एकर इस्तेमाल कर रहल बाने। कोविशील्ड म्यूटेंट स्ट्रेन्स (अर्थात रूप बदले हुए वायरस) के खिलाफ सबसे असरदार और प्रभावी बा। कोवीशील्ड एक वायरल वेक्टर टाइप के वैक्सीन बा।

कोविशील्ड के सिंगल वायरस के जरिए बनावल गयल बा जवन कि चिम्पैंजी में पावल जाला, वाले एडेनोवायरस (चिंपैंजी के मल में पाया जाने वाला वायरस) ChAD0x1 से बनल बा।
ई वही वायरस बा जवान चिंपैंजी में होने वाले जुकाम के कारण बनेला लेकिन इ वायरस के जेनेटिक सरंचना COVID के वायरस से मिलत जुलत बा जेकरे वजह से एडेनो-वायरस के उपयोग कर के शरीर मे एंटीबॉडी बनाने को वैक्सीन इम्युनिटी सिस्टम को प्रेरित कहल जाला। कोवीशील्ड के भी WHO मंजूरी देले बा। एकर प्रभाविकता या इफेक्टिवनेस रेट 70 फीसदी बा। ई वैक्सीन कोरोना के गंभीर लक्षणों से बचावेला और संक्रमित व्यक्ति जल्दी ठीक हो जले। ई व्यक्ति के वेन्टिलेटर पर जाए से भी बहावे ले। एकर रख-रखाव रखना बेहद आसान बा कहें की लगभग 2° से 8°C पर कहीं भी ले जायल जा सकेला। एके उपयोग में लेले के बाद बचल वैक्सीन के वायल के फ्रिज में स्टोर कायल जा सकेला।

कोवैक्सिन (Covaxin)

कोवैक्सिन के ICMR और भारत बायोटेक मिलके तैयार कइले बाने। इ वैक्सीन बनावे के सबसे पुराने अर्थात पारंपरिक इनएक्टिवेटेड प्लेटफॉर्म पर बनावल गयल बा। इनएक्टिवेटेड के मतलब बा कि एमन डेड वायरस के शरीर में डालल जला, जैसे एंटीबॉडी पैदा हो जलें अउर फिर यही एंटीबॉडी वायरस के मरेले। ई वैक्सीन लोगन के संक्रमित करे में सक्षम ना बा कहें की वैक्सीन बनावल बेहद फाइन बैलेंस के काम होला ताकि वायरस शरीर मे एक्टिवेट न हो सके। ई इनक्टिवेटेड वायरस शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र के असली वायरस के पहचानने के लिए तैयार करेला और संक्रमण होखले पर ओसे लाडे अउर ओके खत्म करेके के कोशिश करेला।

स्पुतनिक- V (Sputnik V)

एके मॉस्को के गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट तैयार कइले बा, जेके भारत में डॉ० रेड्डी लैब द्वारा बनावल जाई। एके भी 2-8°C पर स्टोर कयल जा सकेला। स्पुतनिक V भी एक वायरल वेक्टर वैक्सीन बा, लेकिन एमे अउर बाकी वैक्सीन में एक बड़ा फर्क यही बा कि बाकी वैक्सीन के एक वायरस से बनवल गयल बा, जबकि एके दो वायरस से बनावल गयल बा। एमे दोनों डोज अलग-अलग होल। स्पुतनिक V के भारत ही ना बल्कि हर जगह अब तक के सबसे प्रभावी वैक्सीन मानल गयल बा। इस पैमाना में सबसे इफेक्टिव वैक्सीन बा। स्पुतनिक V 91.6 % प्रभावी बा। एइसन में एके सबसे अधिक प्रभावी वैक्सीन कहल जा सकेला। इ सर्दी, जुकाम और अन्य श्वसन रोग पैदा करने वाले एडेनोवायरस-26 (Ad26) और एडेनोवायरस-5 ( Ad5) अर्थात 2 अलग अलग प्रकार के वायरस पर आधारित बा। इ कोरोना वायरस में पाए जाने वाले कांटेदार प्रोटीन (Spike प्रोटीन- यही वो प्रोटीन है जो शरीर की कोशिकाओं अर्थात सेल्स में एंट्री लेने में मदद करता है) के नकल करेले, जो शरीर पर सबसे पहले हमला करेला। वैक्सीन शरीर में पहुंचते ही इम्यून सिस्टम सक्रिय हो जाला। अउर शरीर में एंटीबॉडी पैदा हो जाला। यही एंटीबॉडी शरीर के कोरोना वायरस से बचावे ले।

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