Friday, May 10, 2024
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जम्मू-कश्मीर: प्रदेश की बेटियों को मिला उनका हक़, आज वे भी खुश होंगे जो 370 हटने से नाखुश थे

उपराज्यपाल प्रशासन ने महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर डोमिसाइल प्रमाणपत्र धारक से शादी करने वाली महिला अथवा पुरुष को डोमिसाइल का पात्र मान लिया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने नए नियम की अधिसूचना जारी कर दी है, जिसके तहत प्रदेश में डोमिसाइल प्रमाणपत्र धारक से शादी करने पर दूसरे राज्य की महिला या पुरुष भी अब डोमिसाइल प्रमाणपत्र हासिल कर सरकारी नौकरी के पात्र होंगे।

पुरे मुद्दे को विस्तार से समझते है

अनुच्छेद 370 और 35ए लगाने के कारण जम्मू कश्मीर की कोई भी महिला जब प्रदेश के बाहर के किसी नागरिक से शादी करती थी तो जम्मू कश्मीर में वह अपनी संपत्ति का हक गंवा देती थी। इतना ही नहीं न तो वह महिला और न उसका पति जम्मू कश्मीर में अपने नाम पर कोइ जमीन जायदाद नहीं खरीद सकते थे। वह वहां स्थायी तौर पर बसने का अधिकार खो देती थी। यहाँ तक की उनके बच्चे भी जम्मू कश्मीर में जमीन के मालिक नहीं बन सकते थे न सरकारी नौकरी कर सकते थे। हालाँकि अगस्त 2019 के बाद स्थिति में बदलाव हुआ, लेकिन जम्मू कश्मीर से बाहर शादी करने वाली स्थानीय लड़की के पति को डोमिसाइल तभी मिलता जब वह 15 साल तक जम्मू कश्मीर मे रहता या शादी को हुए 15 साल बीते होते। लेकिन अब प्रदेश से बाहर शादी पर जम्मू कश्मीर की महिला के पति को डोमिसाइल का हकदार बनाया गया है।

कई राजनीतिक परिवारों को भी इसका फायदा

जम्मू-कश्मीर की बेटी से शादी करने वाले दूसरे राज्यों के पतियों को डोमिसाइल का हक मिलने से आमजनतो खुश हैं ही, वहीं वे लोग भी निश्चित तौर पर खुश हुए होंगे, जो अनुच्छेद 370 और 35ए के हटने पर अपनी नाखुशी जाहिर कर रहे थे। तो फिर चाहे वह अब्दुल्ला परिवार हो या मुफ्ती खानदान। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी राहत की सांस ली होगी। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नाती की भी अब ससुराल में वैसी ही धमक होगी।

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