झारखंड सरकार गिराने की कोशिश मामले में वहां की पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों ने इस मामले में पुलिस को कई अहम जानकारियां दी हैं। हलाना की झारखंड पुलिस की ओर से इस मामले में आधिकारिक रूप से कुछ ज्यादा जानकारी साझा नहीं की जा रही हैं, लेकिन सूत्रों की मानें तो, गिरफ्तार आरोपियों में से एक अभिषेक ने सत्तापक्ष के कई विधायकों से अपनी निकटता बना ली थी।
आपको बता दें की स्पेशल ब्रांच की टीम ने इस मामले में सबसे पहले रांची के रातू रोड देवी मंडप में रहने वाले अभिषेक दुबे को गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ में मिली जानकारी के बाद बोकारो के रहने वाले अमित सिंह और निवारण महतो को बोकारो से रांची बुलाया गया। सुरक्षा दृष्टिकोण के मद्देनजर बोकारो पुलिस दोनों को लेकर रांची आई और पूछताछ के दौरान साक्ष्य के आधार पर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिसिया पूछताछ में यह स्वीकार किया कि वे कई राजनेताओं के संपर्क में है और नगद राशि उपलब्ध कराने की कोशिश में थे। पकड़े गये आरोपियों और होटल से बरामद इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की जांच हो की जा रही है।
इस मामले में आरोपीअभिषेक ने बताया है कि अमित ने 15 जुलाई को इंडिगो का टिकट भेजा था। महाराष्ट्र के एक नेता जयकुमार वानखेड़े ने इसकी बुकिंग कर अमित सिंह को भेजा था। 16 जुलाई को भी तीनों स्थानीय विधायक दिल्ली में बड़े नेताओं से मिले। उन्हें एक करोड़ एडवांस देने का वादा किया गया था, लेकिन एडवांस नहीं मिलने पर वे नाराज हो गए और उसी दिन दोपहर 2.30 बजे की फ्लाइट से रांची लौट गए।
गिरफ्तार आरोपियों के मुताबिक, दिल्ली से लौटने के बाद भी जयप्रकाश वानखड़े लगातार विधायकों व उनसे संपर्क में रहे। 21 जुलाई को वानखड़े अपने साथ मोहित भारतीय को लाए। इसके बाद होटल ली लैक से बारी बारी से कई स्थानीय विधायकों से संपर्क किया। जयकुमार, मोहित के अलावा अलग अलग कमरों में आशुतोष ठक्कर और अमित कुमार यादव नाम के व्यक्ति भी थे। होटल का कमरा 407, 307, 310, 611 बुक था। रांची में दो पत्रकार कुंदन सिंह और संतोष कुमार द्वारा भी दो अलग अलग विधायकों से संपर्क की बात सामने आयी है। अभिषेक ने स्वीकार किया है कि सदन में वोटिंग कराकर सरकार को गिराने की साजिश रची गई थी।