संसद के मानसून सत्र का आज चौथा दिन है। दोनों सदनों में आज भी जोरदार हंगामा हुआ। हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही 26 जुलाई तक स्थगित कर दी गई। वहीं टीएमसी सांसद शांतनु सेन को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कल की घटना को लेकर तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शांतनु सेन को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद नायडू ने सेन को सत्र की शेष अवधि से निलंबित किए जाने की घोषणा की। इस पर तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने आपत्ति जताई और हंगामा शुरू कर दिया। सभापति ने सदस्यों से शांत रहने और कामकाज चलने देने की अपील की। लेकिन सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने बैठक को 11 बज कर करीब 25 मिनट पर दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
क्या था पूरा मामला
कल दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, उपसभापति हरिवंश ने बयान देने के लिए वैष्णव का नाम पुकारा। इसी समय, तृणमूल कांग्रेस और कुछ विपक्षी दल के सदस्य आसन के समीप आ गए। उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। इसी दौरान टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने वैष्णव के हाथ से पेपर छीन लिए। उनके बयान की कॉपी फाड़ कर उसके टुकड़े हवा में लहरा दिए। केंद्रीय मंत्री वैष्णव हंगामे और शोरगुल के कारण अपना बयान पूरा नहीं पढ़ सके। लिहाजा उन्होंने इसे सदन के पटल पर रख दिया।