Saturday, April 27, 2024
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ASI सर्वेक्षण से सामने आई काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी के सच? जानि का बा पूरा विवाद

उत्तर प्रदेश के अयोध्या के बाद वाराणसी जिले के काशी विश्वनाथ परिसर में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) के लेकर खींचतान शुरू हो गईल बा। गुरुवार के वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक के कोर्ट विवादित ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक सर्वेक्षण करे के आदेश जारी कईले बा। एकरे साथ ही एक बार फिर ई विवादित मामला चर्चा के केंद्र बन गयल बा।

Gyanvapi Masjid के लेके हिन्दू पक्ष के ओर से ई दावा कयल जा रहल बा कि विवादित ढांचे के फर्श के नीचे 100 फीट ऊंचा आदि विशेश्वर के स्वयम्भू ज्योतिर्लिंग स्थपित बा। याना ही नहीं विवादित ढांचे के दीवार पर देवी देवता के चित्र भी प्रदर्शित बा। 1991 में वाराणसी कोर्ट में इस मामले के लेके याचिका दाखिल करे वाले हरिहर पांडेय बतइले कि मस्जिद के फर्श के नीचे 100 फीट ऊंचा आदि विशेश्वर के ज्योतिलिंग बा।

विवादित स्थल के मंदिर होखे के ‘सबूत’
उ बतइले कि इ विवादित स्थिल के भूतल में तहखाना और मस्जिद के गुम्बद के पीछे प्राचीन मंदिर के दीवार बा, जेके आज भी साफ तरीके से देखल जा सकेला। ज्ञानवापी मस्जिद के बाहर विशालकाय नंदी जी बाने, जेकर मुख मस्जिद के ओर बा। एकरे अलावा मस्जिद के दीवार पर नक्काशि से देवी देवता के चित्र उकेरल गयल बा। स्कंद पुराण में भी इन बात के वर्णन बा। हालांकि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील मोहम्मद तौहीद खान हिंदुओ के इ तथ्य के सिरे से खारिज कईलें।

हजारों साल पहिल बनल रहे मंदिर
हरिहर पांडेय कहलें कि मौजूद ज्ञानवापी आदि विशेश्वर के मंदिर बा। विक्रमादित्य एकर निर्माण करवईले रहलें। बाद में मुगल बादशाह औरंगजेब के फतवा के बाद आदि विशेश्वर के मंदिर के तोड़के ज्ञानवापी मस्जिद बनवावल गयल।

1991 में दाखिल में धकिल भायल रहे मुक़दमा


काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी केस में 1991 में वाराणसी कोर्ट में मुकदमा दाखिल भायल रहे। प्राचीन मूर्ति स्वयंभू लार्ड विशेश्वर के ओर से सोमनाथ व्यास,रामरंग शर्मा और हरिहर पांडेय बतौर वादी एमन शामिल भईले। मुकदमा दाखिल भइले के कुछ दिनों बाद ही मस्जिद कमेंटी केंद्र सरकार के ओर से बनावल गए प्लेसेज ऑफ वर्शिप (स्पेशल प्रॉविजन) ऐक्ट, 1991 क हवाला देके हाईकोर्ट में चुनौती दे देलस। जेकरे बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट साल 1993 में स्टे लगाके यथास्थिति कायम रखे के आदेश देले रहे।

साल 2019 से शुरू भईल सुनवाई
स्टे ऑर्डर के वैधता पर सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद साल 2019 में वाराणसी कोर्ट में फिर से ए मामला में सुनवाई शुरू भईल। तारीख दर तारीख सुनवाई के बाद गुरुवार के वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट से ज्ञानवापी मस्जिद के पुरातात्विक सर्वेक्षण के मंजूरी दे देलस।

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