बंगाल चुनाव के दूसरे चरण में नंदीग्राम में बंपर वोटिंग भईल। ममता बनर्जी ईहां दिनभर वोटिंग बूथन के दौरा करत रहलीं। ईहां के राजनीतिक पारा चरम पर रहल। नंदीग्राम में ममता के कड़ी चुनौती दे रहल बीजेपी प्रत्याशी सुवेंदु अधिकारी, उनके उपर गंभीर आरोप लगईले बाने। सुवेंदु कहले कि 2019 के लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी डीएम, एसडीओ पर दबाव डलली। आरामबाग में बीजेपी उम्मीदवार 2,500 वोटों से हार गईले, कहें कि 16 ईवीएम के वोटों के गिनती ही ना कईल गईल। बीजेपी झाड़ग्राम और पुरुलिया जिला परिषद जीतल रहलें, लेकिन कमल चुनाव चिह्न के रातोंरात टीएमसी के सिंबल से बदल देबल गयल रहे।
रविवार के ममता अपने एक सभा में सुवेंदु अधिकारी पर नंदीग्राम हिंसा में शामिल रहले के आरोप लगईली। ए हिंसा में 14 लोगन के मौत भईल रहे। मुख्यमंत्री आरोप लगईले रहलीं कि पिता-पुत्र के जोड़ी पूर्वी मेदनीपुर जिला में पुलिसकर्मियों के गांवों में दाखिल होखे के अनुमति देहले रहलें। नंदीग्राम में विरोध कर रहल 14 ग्रामीण 14 मार्च 2007 के पुलिस के गोलीबारी में मारेल गईल रहलें। उ समय वाम मोर्चा पश्चिम बंगाल में सत्ता में रहे।
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ममता के आरोपों से सामने आ गईल सच: सीपीएम
वहीँ सीपीएम के पक्ष भी सामने आयल बा। सीपीएम गुरुवार के कहलस कि ममता बनर्जी के टिप्पणी से पार्टी के रुख के पुष्टि भईल बा अउर ‘घटना के पीछे के असलियत’ सामने आ गईल बा। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी कहले कि दक्षिणपंथी आरएसएस से लेकर अति वाम अउर माओवादियों सभी एक गिरोह बनईले बाने अउर 2007 में नंदीग्राम में अशांति फैलाने के लिए हथियार लेकर अईल रहेल। अब हर चीज उजागर हो चुकल बा।